उत्तर कोरिया और अमरीका में तनातनी की गूंज अब चीन में भी सुनाई पड़ने लगी है. चीन के सरकारी अख़बार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि अगर अमरीका के ख़िलाफ़ उत्तर कोरिया हमला करता है तो चीन को तटस्थ रहना चाहिए. लेकिन अखबार ने ये भी कहा है कि अगर अमरीका और दक्षिण कोरिया सत्ता परिवर्तन के इरादे से उत्तर कोरिया पर हमला करते  हैं तो चीन को चुप नहीं रहना चाहिए.

इस सरकारी अख़बार ने कहा कि चीन को इस हमले को रोकने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए. ग्लोबल टाइम्स के बारे में कहा  जाता है कि वह चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की सोच को ही प्रतिबिंबित करता है. क्या अमरीका पर परमाणु हमला कर देगा उत्तर कोरिया? उत्तर और दक्षिण कोरिया: 70 साल की दुश्मनी की कहानी उत्तर कोरिया को बहुत घबराने की ज़रूरत है: डोनल्ड ट्रंप ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि चीन के हित प्रभावित होंगे तो वह उत्तर कोरिया में यथास्थिति में बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा. दूसरी तरफ़, अमरीका, चीन की इस बात के लिए आलोचना करता है कि वह उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम के ख़िलाफ़ कोई ठोस और कड़ा क़दम नहीं उठा रहा है.

इस बीच, अमरीकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने कहा है कि उनकी कोशिश है कि उत्तर कोरिया के परमाणु संकट को राजनयिक संवाद के ज़रिए सुलझाया जाए. उन्होंने कहा कि युद्ध काफ़ी विनाशकारी साबित होगा. कैलिफ़ोर्निया में बोलते हुए जेम्स मैटिस ने कहा कि अगर ज़रूरत पड़ी तो सैन्य विकल्प भी तैयार है. अमरीकी रक्षा मंत्री का बयान राष्ट्रपति ट्रंप के बयान के बिल्कुल उलट है. इससे पहले ट्रंप ने रिपोर्टरों से कहा था कि उत्तर कोरिया को भयभीत रहने की ज़रूरत है. ट्रंप ने कहा था कि अगर उत्तर कोरिया ने अमरीका के ख़िलाफ़ कुछ भी किया तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी. दूसरी तरफ़ उत्तर कोरिया ने गुरुवार को प्रशांत महासागर में अमरीकी द्वीप गुआम पर हमले की पूरी योजना को सार्वजनिक किया था.

ग्लोबल टाइम्स ने अमरीका और उत्तर कोरिया के बीच तनातनी पर आगे लिखा है, ``इस वक़्त उत्तर कोरिया और अमरीका के बीच जैसा माहौल है उसमें चीन किसी को भी समझाने में समर्थ नहीं है. चीन को यह साफ़ कर देना चाहिए कि अगर किसी भी कार्रवाई से चीन का हित ख़तरे में पड़ा तो वह मजबूती से जवाब देगा.`` ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा है, ``चीन कोरियाई प्रायद्वीप में युद्ध और दोनों तरफ़ से परमाणु प्रसार का विरोध करता है. चीन किसी भी तरफ़ से सैन्य टकराव का पक्ष नहीं लेगा. जो उत्तर कोरिया में सत्ता परिवर्तन कर चीनी हित को प्रभावित करना चाहते हैं उनको करारा जवाब मिलेगा. उम्मीद है कि चीन और उत्तर कोरिया दोनों संयम दिखाएंगे. कोरियाई प्रायद्वीप में सभी पक्षों के सामरिक हित जुड़े हुए हैं और किसी को प्रभुत्व जमाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए.``