अनवर चौहान

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में जल मंत्रालय का ज़िम्मा संभाल लिया है. सूत्रों के मुताबिक- अरविंद केजरीवाल मानते हैं कि हाल के बवाना उपचुनाव में जिस बड़े पैमाने पर कच्ची कॉलोनी और झुग्गियों का एक तरफा वोट आम आदमी पार्टी को पड़ा है उसका सबसे बड़ा कारण पानी था. बवाना में प्रचार करते वक़्त वहां के लोगों ने केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं को जो फीडबैक दिया वो ये था कि यहां पानी की सबसे ज़्यादा समस्या लगातार बनी हुई. कहीं या पानी नहीं पहुंचा या पहुंचा तो गंदा आ रहा है या पाइपलाइन बिछ गई तो सप्लाई का कोई पता नहीं. लोगों ने सीएम केजरीवाल से सबसे ज़्यादा पानी को लेकर शिकायतें की और वादा लिया कि चुनाव के बाद उनकी पानी की समस्या दूर करेंगे.सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ शिकायत करने वाले को कोई खतरा नहीं: एसीबी



आपको बता दें कि फरवरी 2015 में दिल्ली में सत्ता संभालने के समय से लेकर अब तक के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बिना विभाग के सीएम हैं, जिसको लेकर उनकी आलोचना भी होती रहती है कि केजरीवाल ऐसे पहले सीएम हैं दिल्ली के जो कोई खुद कोई विभाग नहीं संभालते. उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार में फिर ठनी, अरविंद केजरीवाल का री-ट्वीट- सर वो विधायक हैं, चोर नहीं इस समय राजेन्द्र पाल गौतम दिल्ली में जल मंत्रालय संभाल रहे हैं लेकिन केजरीवाल के खुद ये मंत्रालय संभालने से साफ़ है कि राजेन्द्र पाल गौतम के काम से केजरीवाल संतुष्ट नहीं. राजेन्द्र पाल गौतम से पहले कपिल मिश्रा जल मंत्री थे जिनको मई 2017 में मंत्री मंडल से हटा दिया गया था ये दलील देकर कि वो ठीक से काम नही कर रहे थे, बहुत शिकायतें आ रही थीं. हालांकि ये दलील किसी के गले नहीं उतरी. कपिल मिश्रा से पहले मनीष सिसोदिया ने ये मंत्रालय संभाला और पूर्व में दिल्ली में सीएम रहते खुद शीला दीक्षित ये मंत्रालय संभालती थीं.

2012 में केजरीवाल ने राजनीति की शुरुआत ही बिजली पानी जैसे मुद्दों को उछालकर की थी. 2013 में सत्ता में आते ही हर महीने 20,000 लीटर पानी हर महीने मुफ़्त करने का ऐलान किया था और दिल्ली के हर घर में पीने का साफ पानी पहुंचाने का आम आदमी पार्टी का चुनावी वादा भी था जिसको पूरा करने के लिए भी लगता है केजरीवाल को खुद के मंत्रालय संभालना होगा. माना जा रहा है कि जल्द ही केजरीवाल राजेन्द्र पाल गौतम से ये मंत्रालय अपने पास ले लेंगे.