हरियाणा-बागपत सीमा पर गुरुवार सुबह किसान और मजदूरों से भरी एक नाव डूबने से 20 लोगों की मौत हो गई। बागपत जिला मुख्यालस से छह किमी दूर हादसा होने के बाद भी राहत बचाव कार्य में देरी से इलाके में गुस्सा फूट पड। आक्रोशित लोगों ने दिल्ली-सहारनपुर हाइवे जाम कर दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस अफसरों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। तोड़फोड़ के साथ कई वाहन आग के हवाले कर दिए। शव रखकर उग्र भीड़ घंटों हाइवे पर कब्जा किए रही। पथराव और मारपीट में पुलिस-प्रशासन के कई कर्मचारी घायल हो गए। बवाल के चलते बागपत में मेरठ, गाजियाबाद और शामली से अतिरिक्त फोर्स मंगाना पड़ा। इलाके में अब भी तनाव के हालात हैं। बवाल की सूचना पर मेरठ से बागपत पहुंचे मंडलायुक्त प्रभात कुमार और आईजी रेंज रामकुमार के आश्वासन पर गांववालों ने पुलिस को शव उठाने दिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर गहरा शोक जताते हुए मृतक आश्रतों को दो-दो लाख की मदद का ऐलान किया है। हादसे के वक्त नाव में 50 से अधिक लोग सवार बताए गए हैं। स्थानीय गोताखोरों के साथ मिलकर पुलिस, पीएसी और एनडीआरएफ की टीमों ने दोपहर बाद बताया कि अभी तक 19 शव निकाले जा चुके हैं। कुछ लोग घायलों को इलाज के लिए मेरठ से हायर सेंटर रेफर किया गया है।  बागपत-हरियाणा सीमा पर काठा गांव के पास जिस जगह पर हादसा हुआ, वहां से बागपत जिला मुख्यालय की दूरी सिर्फ छह किमी है। इसके बाद भी प्रशासन और पुलिस के अफसर तुरंत मौके पर नहीं पहुंचे। डीएम भवानी सिंह खंगारोत 9 बजे और प्रभारी एसपी राजवीर सिंह करीब साढ़े 9 बजे हादसे की जगह पर आए। उस समय तक गोताखोर कई शव नदी से निकाल चुके थे। अफसरों के कई घंटे देरी से मौके पर आने से गुस्साए गांववालों ने डीएम-प्रभारी एसपी को घेरकर हंगामा शुरू कर दिया। अफसरों ने उस समय समझा-बुझाकर लोगों को शांत कर दिया और अपनी मौजूदगी में बचाव कार्य कराने लगे। कुछ ही देर बाद ही सैकड़ों की संख्या लोगों ने दिल्ली-सहारनपुर हाइवे पर पहुंचकर जाम लगाकर वाहनों में तोड़फोड़, पथराव और आगजनी शुरू कर दी। पुलिस अधिकारी पहुंचे तो उन पर हमला कर दिया। अफसरों से हाथापाई और मारपीट पर की। अफसर वहां से जान बचाकर भागे। इस दौरान कई पुलिसकर्मी घायल भी हो गए। 
मुख्यमंत्री के निर्देश पर बागपत प्रशासन ने बागपत हादसे की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए हैं। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। बवाल की आशंका से इलाके में पीएसी तैनात कर दी गई है। मेरठ कमिश्नर के साथ आईजी बागपत में डेरा जमाए हैं। अपने संसदीय क्षेत्र बागपत में नाव हादसे की सूचना मिलते ही केन्द्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री डा. सत्यपाल सिंह दिल्ली से तुरंत मौके पर पहुंच गए। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मिलकर सांत्वना दी और अफसरों को राहत-बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। राज्यमंत्री ने बताया कि सरकार नाव हादसे के पीड़ितों की हर संभव मदद देगी। जांच कराकर हादसे के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। हादसा:पटना के मोकामा में 1 ही परिवार के 6 लोग गंगा में डूबे, मौत ऐसे हुआ हादसा गुरुवार की सुबह भी तकरीबन 6:30 बजे 60 के करीब महिला और पुरुष यमुना पार करके हरियाणा जाने के लिए नाव में सवार हुए थे कि थोड़ी दूर चलने के बाद ही अचानक नाव डगमगाकर यमुना में पलट गई। बताया जाता है कि नाव में सवार लगभग 20 लोग तो तैरकर बाहर निकल आए जबकि अन्य यमुना नदी में ही समा गए।
घटना की सूचना पाकर ग्रामीण घटना स्थल पर पहुंचे और लोगों की खोजबीन शुरू कर दी गई।  अभी तक 9 शवों को निकाला जा चुका है जबकि कई दर्जन लोग अभी भी लापता हैं जिनकी यमुना में तलाश की जा रही है। उधर घटना के कई घंटे बाद भी जब अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे तो गुस्साये लोगों ने दिल्ली सहारनपुर हाईवे जाम कर दिया।  फिलहाल यमुना नदी में गोताखोर ग्रामीण खोज बीनकर रहे हैं।