अनवर चौहान

नई दिल्ली.कांग्रेस के सहयोगी संगठन `सेवा दल` ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को टक्कर देने की योजना बनाई है। इसके तहत महीने के आखिरी रविवार को संघ की तर्ज पर सेवा दल के स्वयंसेवक देश के 1 हजार शहरों में ध्वज वंदन कार्यक्रम आयोजित करेंगे। इस दौरान राष्ट्रवाद को लेकर महात्मा गांधी और पंडित नेहरू के सिद्धांतों पर चर्चा होगी। सेवा दल के मेकओवर की योजना पर राहुल गांधी की मुहर लगना बाकी है। कांग्रेस अध्यक्ष सोमवार को इसका ऐलान कर सकते हैं। बता दें कि सेवा दल की शुरुआत 1 जनवरी, 1924 को हुई थी। आजादी की लड़ाई में शामिल कांग्रेस के बड़े नेता इसके सदस्य रहे हैं।

पहले की तरह सक्रिय नहीं रहा था सेवा दल

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, सेवा दल के वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि संगठन को दोबारा सक्रिय करने के लिए योजना का ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष की हरी झंडी मिलने के बाद इसे आगे बढ़ाया जाएगा।

सेवा दल के मुख्य आयोजक लालजी भाई देसाई ने कहा- ``कुछ सालों से सेवा दल पहले की तरह सक्रिय नहीं है और हमें कांग्रेस के कार्यक्रमों की जिम्मेदारी सौंपने से भी किनारा किया गया। हम संगठन को फिर मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। सेवा दल को दोबारा खड़ा कर देश सेवा में पार्टी का सहयोग करेंगे।``

मेकओवर के लिए सेवा दल की क्या योजना है?
लालजी देसाई ने बताया कि अगले 3 महीने तक देशभर में सेवा दल के ट्रेनिंग कैंप लगाए जाएंगे। पहला कैंप 11 जून से मणिपुर में शुरू होगा, जिसमें सेवा दल के स्वयंसेवक और पूर्वोत्तर में कांग्रेस के पदाधिकारी शामिल होंगे।
हर महीने के आखिरी रविवार को देश के 1 हजार जिला मुख्यालयों और शहरों में `ध्वज वंदन` कार्यक्रम कराया जाएगा। इस दौरान स्वयंसेवकों को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प. जवाहरलाल नेहरू के राष्ट्रवाद, असहिष्णुता, धर्मनिरपेक्षता, बहुलतावाद के सिद्धांतों पर चर्चा होगी।

देशभर में युवा ईकाई की शुरुआत करेगा सेवा दल

देसाई के मुताबिक, फिलहाल देश के 700 जिले और शहरों में सेवा दल की ईकाई सक्रिय हैं। यहां हमारे स्वयंसेवकों की संख्या 20 से 200 तक है। लोगों को जोड़ने के साथ सेवा दल की एक युवा ईकाई भी शुरू करने की योजना है।

सेवा दल के पहले चेयरमैन बने थे पंडित नेहरू



सेवा दल की शुरुआत 1 जनवरी, 1924 को एनएस हार्डिकर ने आंध्र प्रदेश के काकिनाडा में की थी। पहले इससे हिंदुस्तानी सेवा दल के नाम से जाना गया।

पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू कांग्रेस सेवा दल के पहले चेयरमैन बनाए गए। आजादी की लड़ाई में शामिल कांग्रेस के बड़े नेता इसके सदस्य रहे। 1932 में महिला सेना तैयार करने पर अंग्रेज सरकार ने इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन इसे बाद में वापस ले लिया गया।

सेवा दल उद्देश्य शांतिपूर्ण नागरिक सेना तैयार करना था। सेवा दल के स्वयंसेवक गांधी टोपी पहनने और उनके विचारों पर चलने के लिए जाने जाते हैं।