(अनवर चौहान) नई दिल्ली। आखिरकार अमेरिका ने नॉर्थ कोरिया के सामने घुटने टेक ही दिए। चार दिन पहले ही नॉर्थ कोरिया ने अमेरिका के एक शहर  को परमाणू बम से उड़ा देने की धमकी दी थी। इससे पहले अमेरिका लगातार नॉर्थ कोरिया को धमकियां दे रहा था। लेकिन आज अमेरिका ने अपने एक स्टूडेंट की रिहाई के लिए नॉर्थ कोरिया से अपील की है। अमेरिका ने कहा है कि हमारे नागरिक को माफी देकर रिहा कर दो।  ओट्टो वॉर्मबिएर नाम के इस स्टूडेंट को नॉर्थ कोरिया ने 15 साल की कड़ी सजा सुनाई है। सज़ा सुनाए जाने के बाद ये छात्र नार्थ कोरिया की अदालत में ही फूट-फूट कर रोया था। उन तस्वीरों को दुनिया के मीडिया ने बड़ी प्रमुखता से छापा था। ओट्टो को नॉर्थ कोरिया के  खिलाफ काम करने और प्रोपेगैंडा मैसेज चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यूएस ने कहा- किसी देश में नहीं दी जाती इतनी कड़ी सजा...दोनों देशों के बीच पहले से ही तनाव है और नॉर्थ कोरिया अमेरिका को न्यूक्लियर अटैक की धमकी दे चुका है। व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी जोश अर्नेस्ट ने कहा, "वॉर्मबिएर की सुनवाई हो चुकी है। हम नॉर्थ कोरिया से अपील करते हैं कि उन्हें माफी देकर तुरंत रिहा किया जाए।" अर्नेस्ट ने कहा, "उन्हें 15 साल की सजा सुनाई गई है। यूएस या दुनिया के किसी भी देश में इस आरोप पर इतनी कड़ी सजा नहीं दी जाती।" यूएस ने नॉर्थ कोरिया पर उनके नागरिकों को पॉलिटिकल एजेंडे के लिए इस्तेमाल करने का आरोप भी लगाया। क्या है मामला? नॉर्थ कोरिया की ऑफिशियल न्यूज एजेंसी केसीएनए के मुताबिक, 21 साल के ओट्टो वॉर्मबिएर पर प्योंगयांग के होटल से प्रोपेगैंडा स्लोगन चुराने का आरोप था। इससे पहले फरवरी में प्योंगयांग में मीडिया के सामने उसने झुककर माफी मांगी थी। वॉर्मबिएर, यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया का स्टूडेंट है। उसे 2 जनवरी को अरेस्ट किया गया था। फरवरी में जब मीडिया के सामने उसे पेश किया गया था, तब उसने कहा था कि पॉलिटिकल स्लोगन चुराना उसकी सबसे बड़ी गलती थी। क्या कहा था नॉर्थ कोरिया ने? केसीएनए के मुताबिक, ओट्टो टूरिस्ट वीजा के जरिए नॉर्थ कोरिया में दाखिल हुआ था। उसका मकसद नॉर्थ कोरिया की यूनिटी को नुकसान पहुंचाना था। एजेंसी ने यह भी कहा था कि वह यूएस गवर्नमेंट के इशारे पर नॉर्थ कोरिया आया। और किन लोगों को किया जा चुका है अरेस्ट किम डोंग चुल, अक्टूबर 2015- अब तक नॉर्थ कोरियन बॉर्डर के नजदीक चीन में स्पेशल इकोनॉमिक जोन में उन्हें अरेस्ट किया गया। वे ट्रेडिंग और होटल सर्विसेस कंपनियों के लिए काम कर रहे थे। उन पर आरोप लगाया गया कि वे साउथ कोरिया के लिए जासूसी कर रहे थे। सैंड्रा सू, अप्रैल 2015 कैलिफोर्निया की ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट सैंड्रा को एंटी-स्टेट प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए अरेस्ट किया गया था। मैथ्यू टोड मिलर, अप्रैल 2014 - नवंबर 2014 कैलिफोर्निया के इस टूरिस्ट को प्योंगयांग में देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में अरेस्ट किया गया था। जब ओबामा एडमिनिस्ट्रेशन के नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर जेम्स आर. क्लैपर जूनियर नॉर्थ कोरिया गए, तब मैथ्यू को रिहा किया गया। कैनेथ बाए, नवंबर 2012 - नवंबर 2014 वॉशिंगटन के टूर ऑपरेटर और क्रिश्चियन मिशनरी को देश विरोधी गतिविधियों के आरोप में अरेस्ट करके 15 साल की कड़ी सजा सुनाई गई थी। क्लैपर के नॉर्थ कोरिया जाने पर कैनेथ को भी रिहा किया गया था। जेफ्री ई. फोवेल, जून 2014 - अक्टूबर 2014 ओहियो के म्यूनिसिपल वर्कर 2014 में एक ऑर्गनाइज्ड टूर पर नॉर्थ कोरिया गए थे। उन्हें होटल के रूम में बाइबिल छोड़ने के आरोप में अरेस्ट किया गया था। उन्हें छह साल की सजा सुनाई गई थी। ओबामा की रिक्वेस्ट के बाद तानाशाह किम जोंग उन ने जेफ्री को रिहा करने का ऑर्डर दिया था। मेरिल ई. न्यूमैन, अक्टूबर 2013-दिसंबर 2013 कोरियन वॉर में हिस्सा ले चुके कैलिफोर्निया के मेरिल को तब अरेस्ट किया गया, जब वे नॉर्थ कोरिया का टूर खत्म करके लौटने वाले थे। उन्हें माफी मांगने पर छोड़ा गया। नॉर्थ कोरिया का आरोप था कि मेरिल ने वॉर के दौरान एंटी-कम्युनिस्ट गोरिल्ला की मदद की थी। एडी जुन योंग-सू, नवंबर 2010 - मई 2011 कैलिफोर्निया के बिजनेसमैन को बिना कारण बताए अरेस्ट किया दया था। अमेरिकी डिप्लोमैटिक टीम की विजिट के बाद उन्हें रिहा किया गया। एजेलोन मेली गोम्स, अप्रैल 2010 - अगस्त 2010 मैसाचुसेट्स के क्रिश्चियन गोम्स को गैरकानूनी ढंग से देश में घुसने के लिए आठ साल की कड़ी सजा सुनाई गई थी। पूर्व अमेरिकी प्रेसिडेंट जिम्मी कार्टर की विजिट के बाद उन्हें रिहा किया गया। रॉबर्ट पार्क, दिसंबर 2009 - फरवरी 2010 टस्कन के क्रिश्चियन मिशनरी रॉबर्ट को चीन से नॉर्थ कोरिया में घुसने के दौरान अरेस्ट किया गया था। वे किम जोंग इल से मिलकर नॉर्थ कोरिया में प्रिजन कैम्प बंद करने की रिक्वेस्ट करना चाहते थे। बाद में माफी मांगने पर उन्हें छोड़ा गया। लॉरा लिंग और यूना ली, मार्च 2009 - अगस्त 2009 कैलिफोर्निया के करंट टीवी चैनल के लिए काम करने वाले दो जर्नलिस्ट को चीन के रास्ते इलीगल एंट्री के आरोप में अरेस्ट किया गया था। उन्हें 12 साल की कड़ी सजा सुनाई गई थी। यूएस के एक्स प्रेसिजेंट बिल क्लिंटन की विजिट के बाद इन दोनों को छोड़ा गया।