अनवर चौहान
भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में लाख अस्सी में से अस्सी सीटें जीतने का दावा करे..लेकिन सच्चाई इससे कोसों दूर है। पूरे उत्तर प्रदेश में हर लोकसभा सीट की अलग कहानी है। फिलहाल बात करते हैं उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके की। यहां भारतीय जनता पार्टी की राह आसान नहीं है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राह आसान करने के लिए ही भाजपा लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी को अपने साथ लिया था। फिलहाल पश्चिमी यूपी में बीजेपी विरोध और बहिष्कार के भंवर में फंसती जा रही है. मेरठ की ठाकुर चौबीसी से उठी बीजेपी के विरोध की आग अब सहारनपुर पहुंच गई। क्षत्रिय स्वाभिमान महाकुंभ में क्षत्रियों ने बीजेपी के विरोध का एलान कर दिया है। क्षत्रिय समाज ने तल्ख तेवरों में कह दिया है कि सम्मान से समझौता नहीं करेंगे और बीजेपी को इस लोकसभा चुनाव में सबक सिखा देंगे। क्षत्रिय समाज के इस एलान ने बीजेपी की पश्चिम में टेंशन बढ़ा दी है.
नानौता में हुए सम्मेलन में उमड़ी क्षत्रियों की भीड़ ने बदले समीकरण।-
पश्चिमी यूपी से बीजेपी यूपी के मिशन 80 के लक्ष्य को भेदने के प्लान पर काम कर रही है, लेकिन उसके प्लान को पश्चिम में रोकने के लिए क्षत्रिय रण में उतर आए हैं। सहारनपुर के नानौता में बीजेपी के खिलाफ क्षत्रिय स्वाभिमान महाकुंभ हुआ, जिसमें हरियाणा और राजस्थान सहित कई प्रदेशों से क्षत्रिय समाज के नेता पहुंचे थे। यहां उम्मीद से कई गुना भीड़ उमड़ी और इस  भीड़ ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। क्षत्रिय समाज संघर्ष समिति ने टिकट बंटवारे का मुद्दा भी उठाया।
क्षत्रिय समाज ने आरोप लगाया कि पश्चिमी यूपी में ठाकुरों की अनदेखी की जा रही है, राजनीतिक रूप से उन्हें कमजोर किया जा रहा है, पश्चिमी यूपी के कई जिलों में मजबूत संख्याबल होने के बावजूद उन्हें नजरंदाज कर दिया गया। क्षत्रिय समाज संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ  विक्रम सिंह पुंडीर का कहना है कि क्षत्रिय समाज अब एक मंच पर आ गया है अपने स्वाभिमान की लड़ाई लड़ेगा और बीजेपी का बहिष्कार करेगा। ठाकुर पूरन सिंह ने कहा कि रघुकुल रीत सदा चली आई प्राण जाए पर वचन न जाई.
बीजेपी प्रत्याशियों की बढ़ेंगी मुश्किलें, आर पार की लड़ाई के मूड में हैं ठाकुर?
क्षत्रिय समाज का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। गांव गांव क्षत्रिय बीजेपी का विरोध कर रहें हैं, सबसे पहले सरधना विधानसभा की ठाकुर चौबीसी में बीजेपी के बहिष्कार के पोस्टर लगे हैं.। इसके बाद कपसाड़ में पंचायत में बीजेपी के बहिष्कार का एलान हुआ, अब सहारनपुर के नानौता में बीजेपी के विरोध का एलान हुआ है। इससे मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी डॉ संजीव बालियान, मेरठ लोकसभा सीट से अरुण गोविल, सहारनपुर लोकसभा सीट से राघव लखनपाल, कैराना लोकसभा सीट से प्रदीप चौधरी, गाजियाबाद लोकसभा सीट से प्रत्याशी अतुल गर्ग की मुश्किल बढ़ सकती हैं।
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क्या है ठाकुरों के गुस्से की वजह? क्या होगा डैमेज कंट्रोल-
क्षत्रिय समाज बीजेपी का कोर वोटर कहा जाता था। लेकिन पश्चिम में इस बार ये कोर वोटर बेहद गुस्से में है। क्षत्रिय समाज के गुस्से की क्या-क्या वजह हैं ये भी आपको बताते हैं। गाजियाबाद में क्षत्रिय समाज को टिकट न दिया जाना। मेरठ में पीएम मोदी की रैली में मंच पर सीएम योगी का फोटो न लगाना। क्षत्रिय समाज को मजबूत प्रतिनिधित्व न मिलना भी एक वजह है। ऐसी ही कई अन्य बातों को लेकर बीजेपी के खिलाफ ठाकुरों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
अब 16 अप्रैल को खेड़ा गांव में होगी राजपूतों की पंचायत--
लोकसभा चुनाव में बीजेपी को नुकसान पहुंचाने के लिए क्षत्रिय समाज पूरे पश्चिमी यूपी में पंचायत कर रहा है। मेरठ के सरधना इलाके की ठाकुर चौबीसी में 16 अप्रैल को पंचायत बुलाई गई है। ये ठाकुर चौबीसी मुजफ्फरनगर लोकसभा का हिस्सा है। इसी ठाकुर चौबीसी के कपसाड़ में भी अभी कुछ दिन पहले पंचायत हो चुकी है और अब खेड़ा में पंचायत होगी। राजपूत उत्थान सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सोम ने बताया कि तस्वीर साफ है, बीजेपी का बहिष्कार है और 16 को साफ हो जाएगा कि हम कितने ताकतवर हैं और किस किस की जीत का समीकरण बिगाड़ेंगे।
एक बात और साफ कर देना ज़रूरी है कि सहारनपुर में हुई पीएम मोदी की चुनावी सभा में जयंत चौधरी नहीं पहुंचे। जबकि वहां उनका इंतज़ार किया जाता रहा। और दूसरी तरफ बिजनौर में हुई चुनावी सभा में भी जयंत चौधरी नहीं पहुंचे। जबकि इस सभा में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। इन जनसभाओं में न पहुंचने की वजह के बारे में जानकारी लेने के लिए जब इस संवाददाता ने जयंत चौधरी को फोन किया तो वो बंद था। पिछले तीन दिनों से लगातार उनका फोन बंद है।
जयंत चौधरी के इर्दगिर्द रहने वाले लोग ही बताते हैं कि लोग अब उनसे सवाल करते हैं। कहते कि जयंत 10 साल तक भाजपा से लड़ते रहे और अब कौन से सुर्खाव के पर लग गए कि वो भाजपा के साथ चले गए। उनसे चवन्नी का सवाल पूछा जाता है। इसके अलावा भी लोगों के तरह-तरह के सवाल होते हैं। जिनका जवाब हमारे पास नहीं होता।