(अनवर चौहान) छुरी ख़रबूज़े पर गिरे या फिर ख़रबूज़े पर छुरी का कुछ नहीं बिगड़ना....इस बार उस्मान ख़रबूज़ा बना। उसके परिवार की ग़रीबी ने उसे बलि का बकरा बना दिया।  उस्मान की गिरफ्तारी के बाद ही हमने लिखा था कि हमारे गली के गुंडे से भी ज्यादा मूर्ख है पाक आतंकी..उस्मान..इसे लेख में लिख लिख दिया गया था कि पाकिस्तान उस्मान को अपना नागरिक मानने से इंकार कर देगा....यही हुआ..ये कोई नई बात नहीं पाकिस्तान ने क़साब के बारे में भी यही कहा था....ये उसकी फितरत में शुमार है। ऊधमपुर में पकड़े गए जिंदा पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद नावेद याकूब उर्फ उस्मान खान को अपना नागरिक मानने से इन्कार कर दिया। उसका कहना है कि नावेद नाम का कोई भी शख्स उसके डाटाबेस में नहीं। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत यह आरोप बिना किसी सुबूत के लगा रहा है। हालांकि लश्कर ए तैयबा के आतंकी नावेद के पिता ने खुद को अभागा बताते हुए उसे अपना बेटा कबूल किया है। लिहाजा, भारत आतंकी नावेद के आधार पर पाकिस्तान के खिलाफ मजबूत सुबूत जुटाने की कोशिश में है। आज संसद में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ऊधमपुर में आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि देश की केंद्रीय जांच एजेंसी एनआइए जिंदा पकड़े गए लश्कर आतंकी मोहम्मद नावेद याकूब उर्फ उस्मान से पूछताछ कर रही है। इस बीच एनआइए की पूछताछ में पता चला कि नावेद पाकिस्तान के पंजाब राज्य के फैसलाबाद जिले के गुलाम मोहम्मद क्षेत्र का रहने वाला है। उसके पिता का नाम मोहम्मद याकूब है। उसने जांच एजेंसी को अपने पिता का मोबाइल नंबर भी दिया। पाकिस्तान के इसी नंबर पर एक अंग्रेजी अखबार के रिपोर्ट ने गुरुवार को 1.22 बजे आतंकी के पिता मोहम्मद याकूब से करीब सवा मिनट बात की। इस दौरान मोहम्मद याकूब ने नावेद का बदकिस्मत बाप होना स्वीकार किया। फिक्रमंद लग रहे मोहम्मद याकूब ने पंजाबी लहजे में फोन पर बताया कि लश्कर ए तैयबा चाहता था कि उनका बेटा मर जाए और भारतीयों के हाथ जिंदा न लगे। उन्होंने बताया कि उनकी अपनी जान भी अब खतरे में है। लश्कर और फौज दोनों ही उनकी जान के पीछे हैं। जिंदा सबूत नहीं मान रहा पाक :पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद काजी खलिलुल्लाह ने आज पाकिस्तानी आतंक के जिंदा सबूत `मोहम्मद नावेद याकूब उर्फ उस्मान` से पल्ला झाड़ने की नाकाम कोशिश की। उन्होंने कहा हम कई बार कह चुके हैं कि पाकिस्तान पर तुरंत आरोप लगाना सही नहीं। भारत का दावा आधारहीन है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून में एक पाकिस्तान सरकार के सूत्र के हवाले से कहा गया है कि `नेशनल डाटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथारिटी` (नादरा) के रिकॉर्ड के अनुसार गिरफ्तार मोहम्मद नावेद याकूब का पाकिस्तानी होने का भारत का दावा बेबुनियाद है।` नावेद ने खुद बताई थी पहचान : पाकिस्तान का आज का दावा नावेद के खुद के दावे के विपरीत है। नावेद ने खुद को पाक के फैसलाबाद के गुलाम मुस्तफाबाद का होने तथा पिता का नाम मोहम्मद याकूब बताया था। एनआइए की टीम से पूछताछ में उसने कबूला, उसे आतंकी संगठन लश्कर के दो कैंपों `दौर-ए-आम` और `दौर-ए-खास` में ट्रेनिंग दी गई थी। पहले कैंप में उसे फिजिकल फिटनेस, पहाड़ों पर चढ़ने व छोटे हथियार चलाने की तथा दूसरे में असॉल्ट राइफल्स चलाने तथा छोटे बम तैयार करने की ट्रेनिंग दी गई थी। घुसपैठ व शरणस्थलों पर जाएगा नावेद : नावेद को उन सभी स्थानों पर ले जाया जाएगा, जहां से वह भारत में घुसा और घुसपैठ के बाद शरण ली थी। एनआइए ने नावेद के खिलाफ गैर कानूनी निरोधक कानून, आ‌र्म्स एक्ट व भादंवि की कई धाराओं में केस दर्ज किया है। एनआइए बीएसएफ की बस में सवार जवानों तथा नावेद को पकड़ने वाले ग्रामीणों के भी बयान दर्ज करेगी। कसाब को भी पाकिस्तानी नहीं माना : भारत की सीमा में आतंकी भेजना और पकड़े जाने पर उन्हें पहचानने से इन्कार करना पाकिस्तान की पुरानी आदत है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने तो अभी तक कसाब को भी अपना नागरिक नहीं माना है। कसाब का नाम भी वहां के जनसंख्या रिकार्ड में नहीं था। जबकि पाकिस्तान के एक समाचार पत्र ने मुंबई हमले के एक दो दिन बाद ही कसाब के घर जाकर उसके माता-पिता व परिवार के बारे में जानकारी सार्वजनिक कराई थी। यह अलग बात है कि अब उसके माता-पिता कहां हैं, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। यही नहीं कसाब के साथ मुंबई हमले में