अनवर चौहान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रशासन को देश और विदेश में धार्मिक आजादी की हिफाजत करने के निर्देश दिए हैं। विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने शनिवार को यह जानकारी दी साथ ही इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि दुनिया के ज्यादातर देश धार्मिक आजादी पर बंदिशें लगाते हैं। पोम्पिओ ने 13वें सालाना `वैल्यूज वोटर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ``राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने प्रशासन में हम सभी को निर्देश दिया है कि देश-विदेश में धार्मिक आजादी की रक्षा की जाए, क्योंकि धार्मिक आजादी एक सार्वभौमिक, ईश्वर-प्रदत्त अधिकार है, जो हर एक व्यक्ति को प्राप्त है।
उन्होंने कहा कि हर स्वतंत्र समाज के लिए धार्मिक आजादी एक अहम पहलू है। उन्होंने कहा, ``यह ऐसी आजादी है जिसका मैं व्यक्तिगत तौर पर ख्याल रखता हूं, और मैं जानता हूं कि आप भी ऐसा ही करते हैं। यही चीज है जिसने मुझे अमेरिकी सशस्त्र बलों में शामिल होकर देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया।  पोम्पिओ ने कहा, ``लेकिन दुख की बात है कि आज वैश्विक आबादी में 80 फीसदी से ज्यादा लोग ऐसे देशों में रहते हैं जहां धार्मिक आजादी पर काफी बंदिशें हैं।
  उन्होंने कहा, ``मैं जानता हूं कि ईरान जैसे देशों में ईसाइयों एवं अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे जुल्म को देखकर हम में से कई लोगों का दिल दुखता है। हम उन लोगों पर नियंत्रण रखने वाले दमनकारी और भ्रष्ट शासन के बारे में सच बोलकर ईरानी लोगों की मानवीय गरिमा के लिए लड़ रहे हैं। पोम्पिओ ने आरोप लगाया कि ईरान में धार्मिक अल्पसंख्यकों को नियमित तौर पर सलाखों के पीछे डाला जा रहा है, उन्हें उनके अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है, नौकरियों से निकाला जा रहा है और उन पर कई अन्य तरह के अत्याचार किए जा रहे हैं। शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि ट्रंप द्वारा अमेरिका को ईरान परमाणु करार से अलग करने के बाद उन्होंने एक नई रणनीति लागू की है जिससे ईरानी शासन को अपने बर्ताव में बदलाव के लिए बाध्य किया जा सके। इस रणनीति में यह भी शामिल है कि ईरान में जवाबदेही, इंसाफ और धार्मिक आजादी की लड़ाई लड़ रहे लोगों को यकीन दिलाया जा सके कि अमेरिका उनके साथ खड़ा है। पोम्पिओ ने कहा, ``हम ईसाइयों, यहूदियों, सूफियों, मुस्लिमों, पारसियों, बहाइयों और ईरान के अन्य सभी ऐसे धर्मों के साथ खड़े हैं जिनकी मानवीय गरिमा को इस शासन ने तार-तार किया है।