इंदौर के कपड़ा बाज़ार से मुसलमानों को क्यों भगाया जा रहा है
अनवर चौहान
मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर के कपड़ा बाज़ार में मुस्लिम सेल्समैन और व्यापारियों को काम करने से मना कर दिया गया है. यह कोई प्रशासनिक या सरकारी आदेश नहीं है बल्कि इंदौर-4 विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ का `फरमान` है. इस मामले पर बीबीसी ने एकलव्य गौड़ से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने बात करने से इनकार कर दिया. शीतलामाता कपड़ा बाज़ार के अध्यक्ष हेमा पंजवानी ने बताया कि 25 अगस्त को बंद कमरे की एक बैठक में एकलव्य सिंह गौड़ ने व्यापारियों के प्रतिनिधियों से बात की थी. इसी बैठक में शीतलामाता कपड़ा बाज़ार के व्यापारियों के प्रतिनिधियों के लिए यह फ़रमान जारी किया. इसके बाद एकलव्य सिंह गौड़ ने स्थानीय मीडिया को कई बार दिए अपने बयान में कहा, "मेरे पास कई बार लव जिहाद की शिकायतें आ चुकी हैं. यह षडयंत्र अब कोई कल्पना या मनगढ़ंत बात नहीं है. हमारे कपड़ा बाज़ार में ज़्यादातर महिलाएं आती हैं और मुस्लिम सेल्समैन उन्हें लव जिहाद में फंसा लेते हैं."
हालांकि एकलव्य सिंह गौड़ भले ही निर्वाचित प्रतिनिधि नह...
भारत-पाक क्रिकेट मैच के दौरान दिखा तलखी का साया
अनवर चौहान
दुबई क्रिकेट स्टेडियम में रविवार को खेले गए मैच में पाकिस्तान ने भारत के सामने 172 रनों का लक्ष्य रखा था. भारत ने ये लक्ष्य 19वें ओवर में चार विकेट खोकर हासिल कर लिया. लेकिन पिछले मैच में हैंडशेक के विवाद का साया इस मैच में भी दिखा. कल भी टॉस के समय दोनों टीमों के कप्तानों ने हाथ नहीं मिलाया. 14 सितंबर को हुए ग्रुप स्टेज मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ था जिसने पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच राजनीतिक, राजनयिक और सैन्य मोर्चे की तनातनी को खेल के मैदान तक पहुंचा दिया.भारत से हार के बाद जहां पाकिस्तान के ख़राब प्रदर्शन पर चर्चा हुई, वहीं मैच में `स्पोर्ट्समैनशिप` की कमी पर भी सवाल उठाए गए.
क्रिकेट फ़ैन पाकिस्तान और भारत के मुक़ाबले का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं और यही वजह रही कि कल का मैच सोशल मीडिया पर भी गर्म विषय बना रहा. जब पाकिस्तान ने भारत को 172 रन का लक्ष्य दिया तो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर कई फ़ैन्स ने अपनी टीम के प्रदर्शन की तारीफ़ की. लेकिन भारत से एक और मैच हारने के बाद पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नक़वी की सख़्त आलोचना हुई. पहला विवाद होने में �...
सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुआ रक्षा समझौता, भारत के लिए ख़तरे की घंटी
अनवर चौहान
सऊदी अरब और परमाणु शक्ति संपन्न देश पाकिस्तान के बीच बुधवार को एक पारस्परिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है. दोनों देशों के बीच यह सुरक्षा समझौता तब हुआ है, जब इसराइल ने क़तर की राजधानी दोहा में हमला किया था और कुछ महीने पहले ही पाकिस्तान की भारत से सैन्य झड़प हुई थी. ऐसे में यह समझौता न केवल दोनों देशों के लिए अहम माना जा रहा है कि बल्कि इससे पश्चिम एशिया और दक्षिण एशिया पर भी प्रभाव पड़ने की बात कही जा रही है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ 17 सितंबर को सऊदी अरब पहुँचे थे. सऊदी अरब और पाकिस्तान की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि शहबाज़ शरीफ़ को क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने न्योता भेजा था.
संयुक्त बयान में कहा गया है, ``पाकिस्तानी प्रधानमंत्री और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने स्ट्रैटिजिक म्यूचु्अल डिफेंस एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए हैं. दोनों देश किसी भी आक्रामकता के ख़िलाफ़ मिलकर काम करेंगे. अगर दोनों देशों में से किसी एक के ख़िलाफ़ भी कोई आक्रामक होता है तो इसे दोनों के ख़िलाफ़ माना जाएगा.`` ऐसे में सवाल उठता है कि...
भारत से हार के बाद पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर और फ़ैन्स भड़के
अनवर चौहान
एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच मुक़ाबले का सरहद के दोनों ओर के क्रिकेट प्रशंसकों को लंबे समय से इंतज़ार था. रविवार को हुए इस टी-20 मैच ने भारत ने पाकिस्तान को सात विकेट से हराया और मैच समाप्त होने के बाद भारतीय खिलाड़ी पाकिस्तानी टीम से हाथ मिलाए बिना ड्रेसिंग रूम में लौट गए.बीती मई में दोनों देशों के बीच हुए सैन्य संघर्ष के बाद, दोनों की क्रिकेट टीमों के बीच यह पहला मुक़ाबला था.मैच खत्म होने के बाद पाकिस्तान के खिलाड़ी आगे बढ़े, लेकिन तब तक भारतीय खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम लौट चुके थे. टॉस के समय भी सूर्यकुमार और पाकिस्तान के कप्तान सलमान आगा के बीच `हैंडशेक` नहीं हुआ.
मैच के बाद प्रेस कॉन्फ़्रेंस में पाकिस्तान के कोच माइक हेसन ने कहा, "हम मैच के बाद हाथ मिलाने के लिए तैयार थे. हमें निराशा हुई कि हमारे विपक्षी टीम ने ऐसा नहीं किया." हेसन ने कहा, "हम हाथ मिलाने के लिए आगे बढ़े थे लेकिन तब तक वे ड्रेसिंग रूम जा चुके थे. यह मैच का निराशाजनक अंत था. हम अपने खेल से पहले ही निराश थे, लेकिन हम हाथ मिलाने के लिए तैयार थे." हालाँकि मैच के बाद पाकिस्त�...
एनडीए या इंडिया गठबंधन, उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में किसके पक्ष में है नंबर गेम
अनवर चौहान
भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इसके लिए मतदान 9 सितंबर को होगा और नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे. पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की देर शाम अचानक स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफ़ा दे दिया था, जिसकी वजह से यह चुनाव हो रहा है.74 साल के धनखड़ ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था. ऐसे में उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था.
इस चुनाव को लेकर राजनीति अपने चरम पर है. संसद से सोशल मीडिया तक उपराष्ट्रपति के चुनाव को लेकर चर्चाएं आम हैं और दोनों ही गठबंधन `डिनर` पॉलिटिक्स में व्यस्त हैं.राजनीतिक विश्लेषक नीरजा चौधरी कहती हैं, "उपराष्ट्रपति का चुनाव यूं तो बहुत बोरिंग होता है लेकिन इस बार की बात कुछ अलग है." नीरजा चौधरी इस चुनाव को सरकार की मज़बूती, संघ और सरकार का समन्वय और नेतृत्व के पैमानों परखती हुई नज़र आती हैं.वे कहती हैं, "पिछले दिनों हुए घटनाक्रम ने इसे बहुत ही रोचक बना दिया है. फिर चाहे वह धनखड़ ने जिस तरह से इस्तीफ़ा दिया उसकी बात हो या फिर जिस तरह से कॉन्स्टिट�...
मालेगांव ब्लास्ट केस में 17 साल बाद आया फ़ैसला, सभी आरोपी भरी, अभियोजन पक्ष अदालत में जुर्म साबित नहीं कर पाया
अनवर चौहान
मालेगांव बम विस्फोट मामले में विशेष एनआईए अदालत ने सभी सात अभियुक्तों को बरी कर दिया है. क़रीब 17 साल पहले मालेगांव में हुए बम धमाकों में छह लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे. बीजेपी नेता साध्वी प्रज्ञा और लेफ़्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित इस मामले में सबसे चर्चित अभियुक्त रहे. साध्वी प्रज्ञा भोपाल से बीजेपी की सांसद रह चुकी हैं. 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास खड़ी मोटरसाइकिलों में रखे विस्फोटकों में धमाका हुआ था.इससे पहले विशेष एनआईए न्यायाधीश एके लाहोटी ने 8 मई को सभी अभियुक्तों को 31 जुलाई को अदालत में पेश होने का आदेश दिया था. मुक़दमे के दौरान सरकारी पक्ष ने 323 गवाहों से पूछताछ की, जिनमें से 37 अपने बयान से मुकर गए थे.
बाद में इस मामले की जाँच की ज़िम्मेदारी एनआईए को सौंप दी गई थी.
इस मामले में लेफ़्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित, बीजेपी नेता प्रज्ञा ठाकुर, मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), अजय राहिरकर, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी और समीर कुलकर्णी के ख़िलाफ़ ग़ैर क़ानूनी गतिविधियाँ रोक�...
तुर्की भारत के ख़िलाफ़ पाकिस्तान को खुलकर समर्थन क्यों देता रहा?
अनवर चौहान
भारत और पाकिस्तान ने सीज़फ़ायर की घोषणा कर दी है लेकिन दोनों देशों की तनातनी में तुर्की खुलकर पाकिस्तान के साथ था और इसराइल भारत के साथ.हालांकि सीज़फ़ायर की घोषणा के बाद तुर्की ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है और कहा है कि दोनों देश इस मौक़े का इस्तेमाल सीधे और स्वस्थ बातचीत के लिए करें.लेकिन जब दुनिया के ज़्यादातर देश तनाव के दौरान तटस्थ दिख रहे थे, तब तुर्की और इसराइल ने अपनी पसंद से खुलकर पक्ष लिया.
भारत ने शुक्रवार को कहा था कि पाकिस्तान तुर्की का ड्रोन हमले के लिए इस्तेमाल कर रहा है. दूसरी तरफ़ पाकिस्तान ने कहा था कि भारत इसराइली ड्रोन से हमला कर रहा है. टर्किश एयरफोर्स का सी-130 जेट इसी हफ़्ते पाकिस्तान में लैंड हुआ था. हालांकि तुर्की ने इस लैंडिंग को ईंधन भरने से जोड़ा था. इसके अलावा तुर्की का युद्धपोत भी कराची पोर्ट पर पिछले हफ़्ते आया था और तुर्की ने इसे आपसी सद्भाव से जोड़ा था. शुक्रवार को भारतीय सेना ने कहा था कि 300 से 400 टर्किश ड्रोन का इस्तेमाल गुरुवार को पाकिस्तान ने भारत के अलग-अलग शहरों में हमले के लिए किया था. भारत और तुर्की के संबं�...
बिहार कांग्रेस में जान फूकने की तैयारी
अनवर चौहान
बिहार कांग्रेस में जान फूकने की क़वायद शुरू हो चुकी है। और इसका ज़िम्मा कन्हैया कुमार को सौंपा गया है। पार्टी 90 के दशक से राजद के सहारे ही राजनीति कर रही है. अब अचानक से RJD से अलग होकर चुनावी मैदान में कूदना खुदकुशी के बराबर होगा. कांग्रेस पार्टी जिस वोटबैंक पर नजरे गढ़ाए है, पीके भी उसी के सहारे राजनीति में कूदे हैं. ऐसे में इस बार का चुनाव दिलचस्प होने वाला है.
बिहार में आठ महीने के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन सियासी दांव और समीकरण अभी से सेट किए जाने लगे हैं. प्रदेश में अपनी खोए जनाधार को वापस पाने के लिए कांग्रेस पार्टी अब किसी पर निर्भर रहने की बजाय आत्मनिर्भर बनने की कवायद में है. इसके लिए पार्टी ने अपनी यूथ बटालियन यानी कन्हैया कुमार और कृष्णा अल्लावुरु को मैदान में उतार दिया है. कन्हैया कुमार ने भी रविवार (16 मार्च) से ‘नौकरी दो, पलायन रोको यात्रा’ शुरू कर दी है. यात्रा का मकसद युवाओं को पार्टी से जोड़ने का है, लेकिन ये पदयात्रा पार्टी को फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान भी पहुंचा सकती है. सियासी जानकारों का तो यह भी कहना है कि कन्है�...