
अनवर चौहान
दुबई क्रिकेट स्टेडियम में रविवार को खेले गए मैच में पाकिस्तान ने भारत के सामने 172 रनों का लक्ष्य रखा था. भारत ने ये लक्ष्य 19वें ओवर में चार विकेट खोकर हासिल कर लिया. लेकिन पिछले मैच में हैंडशेक के विवाद का साया इस मैच में भी दिखा. कल भी टॉस के समय दोनों टीमों के कप्तानों ने हाथ नहीं मिलाया. 14 सितंबर को हुए ग्रुप स्टेज मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ था जिसने पारंपरिक प्रतिद्वंद्वियों के बीच राजनीतिक, राजनयिक और सैन्य मोर्चे की तनातनी को खेल के मैदान तक पहुंचा दिया.भारत से हार के बाद जहां पाकिस्तान के ख़राब प्रदर्शन पर चर्चा हुई, वहीं मैच में `स्पोर्ट्समैनशिप` की कमी पर भी सवाल उठाए गए.
क्रिकेट फ़ैन पाकिस्तान और भारत के मुक़ाबले का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं और यही वजह रही कि कल का मैच सोशल मीडिया पर भी गर्म विषय बना रहा. जब पाकिस्तान ने भारत को 172 रन का लक्ष्य दिया तो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर कई फ़ैन्स ने अपनी टीम के प्रदर्शन की तारीफ़ की. लेकिन भारत से एक और मैच हारने के बाद पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नक़वी की सख़्त आलोचना हुई. पहला विवाद होने में सिर्फ़ 2.3 ओवर लगे, जब फ़ख़र ज़मान को हार्दिक पांड्या ने 15 रन पर आउट कर दिया. ज़मान अच्छे फ़ॉर्म में दिख रहे थे और शुरुआती ओवरों में जसप्रीत बुमराह और हार्दिक के ख़िलाफ़ रन भी बना रहे थे.
लेकिन फ़ख़र ज़मान ने हार्दिक की गेंद पर शॉट खेलते हुए संजू सैमसन को कैच थमा दिया और तीसरे अंपायर रुचिरा पल्लियागुरुगे ने उन्हें आउट करार दिया. मैदान पर मौजूद अंपायर ने भी आउट बताया, लेकिन उन्होंने थर्ड अंपायर से चेक करने का अनुरोध किया. रीप्ले में गेंद सैमसन के दस्तानों में जाने से पहले ज़मीन के बेहद क़रीब लग रही थी. तीसरे अंपायर ने फ़ैसला करने में कुछ समय लगाया. पल्लियागुरुगे ने माना कि कैच सही था क्योंकि गेंद के नीचे उंगलियां थीं, लेकिन फ़ख़र ज़मान असहमत दिखे.जब भारत बल्लेबाज़ी करने उतरा, तो पाकिस्तान गेंदबाज़ हैरिस रउफ़ की भारतीय ओपनिंग जोड़ी से तीखी नोक-झोंक हुई.
हैरिस रउफ़ और शुभमन गिल-अभिषेक शर्मा की जोड़ी के बीच गरमागरमी हुई और रेफ़री को आकर बीच बचाव करना पड़ा. ओपनिंग बैट्समैन के रूप में उतरे अभिषेक शर्मा ने भारतीय पारी का आगाज़ छक्के के साथ किया और तूफ़ानी बल्लेबाज़ी करते हुए 39 गेंद में 74 रन की पारी खेली. इस दौरान उन्होंने 6 चौके और 5 छक्के लगाए. मैच के बाद भारतीय बल्लेबाज़ अभिषेक शर्मा ने कहा, "जिस तरह से वे बिना कारण (पाकिस्तानी खिलाड़ी) हमारी ओर आ रहे थे, मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं आया. यही वजह रही कि मैंने ऐसी बल्लेबाज़ी की."इससे पहले पाकिस्तानी टीम की ओर से बल्लेबाज़ी करते हुए साहिबज़ादा फ़रहान ने अर्द्धशतक जड़ा और उसके बाद सेलिब्रेशन में बल्ले से कुछ ऐसा संकेत दिया जिसे भारतीय प्रशंसकों को नागवार गुजरा.
दरअसल उन्होंने बैट को `गन` की तरह हाथ में पकड़ा और आसमान की ओर से उठाया था. भारत में सोशल मीडिया यूज़र्स और विपक्षी दलों के नेताओं ने इस पर बीसीसीआई को घेरा और खेल भावना को लेकर सवाल किए.सोशल मीडिया पर भारतीय और पाकिस्तानी टीमों की तुलना के बीच पाकिस्तानी गेंदबाज़ हैरिस रउफ़ की एक तस्वीर काफ़ी वायरल हुई जिसमें वो छह और शून्य का संकेत देते दिख रहे हैं. इस तस्वीर पर पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री ख़्वाजा आसिफ़ ने लिखा, "हैरिस रउफ़ ने बिल्कुल सही जवाब दिया. क्रिकेट मैच तो होते ही रहते हैं, लेकिन भारत अंत तक 6/0 को नहीं भूल पाएगा और दुनिया भी याद रखेगी." रउफ़ का इशारा पाकिस्तान के उस दावे की ओर था, जिसमें कहा गया था कि `ऑपरेशन सिंदूर` के दौरान उसने भारत के लड़ाकू विमानों को गिराया था.
इश्तियाक़ अहमद नाम के एक यूज़र ने लिखा, "भारत युद्ध करने में और हम क्रिकेट खेलने में सक्षम नहीं हैं. कम शब्दों में सटीक टिप्पणी यही है." एक्स पर पाकिस्तानी फ़ैन्स ने भारत से एक और हार के बाद पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नक़वी की सख़्त आलोचना की और एक बार फिर उनसे इस्तीफ़े की माँग की. एशिया कप में दूसरी बार भी टॉस के बाद भारत और पाकिस्तान के कप्तानों ने हाथ नहीं मिलाया. इस पर कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने टिप्पणी की. एक यूज़र ने लिखा, "क्रिकेट को क्रिकेट ही रहने दो. मैं दोनों ही तरफ़ के खिलाड़ियों से निवेदन करता हूं." 14 सितंबर के मुकाबले में मैच शुरू होने से पहले दोनों टीमें परंपरा के मुताबिक़ मैदान पर गईं. राष्ट्रगान हुआ और फिर टॉस हुआ, लेकिन टॉस के बाद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष सलमान अली आग़ा से हाथ मिलाने की बजाय मैदान छोड़ने का फ़ैसला किया.
मैच ख़त्म होने के बाद भारतीय टीम सीधे ड्रेसिंग रूम चली गई, जबकि पाकिस्तानी खिलाड़ी हाथ मिलने की तैयारी कर रहे थे. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उस मैच में मैच रेफ़री को लेकर आईसीसी से शिकायत भी की. पाकिस्तान का आरोप था कि मैच रेफ़री एंडी पाइक्रॉफ़्ट ने टॉस के दौरान दोनों टीम के कप्तानों को हाथ ना मिलाने को कहा था. हालांकि आईसीसी ने इसे ग़लतफहमी क़रार दिया था.