संयुक्त किसान मोर्चा: लखनऊ रैली से लेकर संसद तक ट्रैक्टर मार्च तक हर कार्यक्रम तय तारीख पर ही होंगे
अनवर चौहान
कृषि कानूनों के विरोध में चल रहा किसानों का प्रदर्शन अभी चलता रहेगा और प्रदर्शन के एक साल पूरा होने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले से जिन रैलियों और मार्च के आयोजन की तिथि निश्चित कर रखी है वैसे ही आयोजित होंगे। यह जानकारी संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ. दर्शन पाल ने कोर कमेटी की बैठक के बाद दी है।
उन्होंने बताया कि आंदोलन की आगे की क्या रणनीति होगी उस पर रविवार को बैठक होगी लेकिन शनिवार को कोर कमेटी की बैठक में फैसला लिया गया है कि शीत सत्र के दौरान संसद तक ट्रैक्टर मार्च का जो निर्णय लिया गया था वह वैसा ही रहेगा।
दर्शन पाल ने बताया कि हमारे 22, 26 और 29 नवंबर को होने वाले कार्यक्रम पहले की तरह ही होंगे। लखनऊ रैली 22 को होगी। 26 नवंबर को जब आंदोलन का एक साल हो जाएगा तो इसे पूरे देश में मनाया जाएगा और संसद तक ट्रैक्टर मार्च 29 नवंबर को होगा।
डॉ. पाल ने कहा, कृषि कानूनों के अलावा हमारे मुद्दा खासतौर से एमएसपी के लिए अलग कानून बनवाने का है। किसानों के खिलाफ जितने केस हैं वो वापस लिए जाएं। बिजली विधेयक 2020 वापस लिया जाए, वायु गुणवत्ता ऑर्डिनेंस लाया �...
पिछले 20 साल में कस्टडी में हुई 1888 मौतें, इन मामलों में सिर्फ 26 पुलिसकर्मी ही पाए गए दोषी
अनवर चौहान
भारत में पुलिस कस्टडी में रखे गए लोगों की मौतों के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसे लेकर आधिकारिक डेटा में जो बातें सामने आई हैं, वो काफी चौंकाने वाली हैं। दरअसल, पिछले 20 साल में देशभर में कस्टडी में रहने के दौरान 1888 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, अगर इन मौतों पर कार्रवाई के आंकड़ों को देखा जाए, तो सामने आता है कि 20 साल में सिर्फ 26 पुलिसकर्मियों को ही कस्टडी में हुई मौतों के लिए दोषी पाया गया।
गौरतलब है कि कस्टडी में हुई मौतों का सिलसिला अब यूपी में भी बढ़ता देखा जा रहा है। जहां कुछ ही दिन पहले कासगंज में अल्ताफ नाम के युवक की पुलिस हिरासत में मौत हुई थी। वहीं, मंगलवार को कानपुर में चोरी के शक में हिरासत में लिए गए शख्स की अस्पताल से जाते वक्त जान चली गई। आरोप है कि पुलिसवालों ने उसे कस्टडी में इतना मारा था कि उसकी मौत हो गई।
कस्टडी में हुई मौतों को लेकर पुलिस पर क्या कार्रवाई?
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 20 साल में कस्टडी में जितने लोगों की जान गई है, उनमें से 893 मामलों में पुलिसकर्मियों पर केस दायर किए गए। इस दौरान 358 पुलिसकर्मियों के खि�...
एनसीआर में प्रदूषण: बेहद खराब श्रेणी में पहुंची हवा
अनवर चौहान
दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता सुधरने का नाम नहीं ले रही है। सफर इंडिया के मुताबिक रविवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक 386 दर्ज की गई, जो कि `बेहद खराब` श्रेणी में है। इससे लोगों के बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हवा का स्तर इतना बिगड़ गया है कि लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत हो रही है।
इससे पहले शनिवार को दिल्ली की हवा का औसत एक्यूआई 499 दर्ज किया गया था, जो गंभीर श्रेणी में है। वायु प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंचने के बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी थी। रविवार को इसमें हल्का सुधार दर्ज किया गया, लेकिन फिर भी हवा बेहद खराब श्रेणी में है।
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर समस्या को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को इस मुद्दे पर दायर एक याचिका पर सुनवाई की थी। अदालत ने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द कदम उठाने के लिए कहा था। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा था कि ऐसी स्थिति में तो लगता है कि घर में भी मास्क पहनकर ही बैठना होगा। कोर्ट ने कें...
प्रधानमंत्री जी दिल्ली पुलिस पर अंकुश लगाओ
इंद्र वशिष्ठ
प्रधानमंत्री जी क्या आपका गरीबों को अपना परिवार बताना भी एक जुमला बन कर रह गया। अगर ऐसा नहीं है तो दिल्ली पुलिस आपके इस वृहत गरीब परिवार के लोगों को डंडे मार-मार कर अपनी बहादुरी दिखाने में क्यों लगी हुई है ? कानून और संविधान तो किसी अपराधी को भी डंडा मारने की इजाजत नहीं देता है।
दिल्ली पुलिस पर अंकुश लगाओ-
असल में दिल्ली पुलिस को भी यह सच्चाई मालूम है कि भाषण में प्रधानमंत्री के कहने भर से गरीब व्यक्ति उनके परिवार &...
कमिश्नर निरंकुश पुलिस पर अंकुश लगाओ
इंद्र वशिष्ठ
वकीलों से पिटने वाली पुलिस महामारी के भयंकर संकट के दौर में भी आम लोगों पर डंडे चला कर अपनी बहादुरी दिखाने में लगी हुई है।
इस दौर में भी पुलिस का पारंपरिक संवेदनहीन चरित्र और चेहरा दिखाई दे रहा है।
खुद के पिटने पर रोने वाली पुलिस लोगों को पीट कर खुश-
यह वही पुलिस है जिसकी डीसीपी मोनिका भारद्वाज द्वारा वकीलों के आगे डर कर हाथ जोड़ने और जमात सहित दुम दबाकर कर भागने की वीडियो पूरी दुनिया ने देखी। यह वही दिल्ली पुल...
तब्लीगी जमात के पाप गिनवाने से पुलिस के पाप कम नहीं हो जाते
इंद्र वशिष्ठ
तब्लीगी जमात और मरकज को कोरोना फैला कर देश को मरघट तक बनाने का दोषी ठहराया जा रहा है लेकिन सिर्फ मरकज को दोषी करार देकर पुलिस और सरकारों की नाकामी पर पर्दा डालना भी सही नहीं हैं। मरकज के मुखिया मौलाना साद का यह जघन्य अपराध किसी भी तरह से माफ़ी के काबिल नहीं हैं। इस मौलाना ने न केवल अपने तब्लीगी जमात के भाइयों और अपनी क़ौम की जान को ख़तरे में डाला बल्कि पूरे देश के लोगों की जान से खिलवाड़ किया है। इस कथित मौलाना के आपर...
दिल्ली में पुलिस कर्मियों पर हुए 700 हमले
इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली में पुलिस वालों पर हमला करने के मामले दिनों-दिन बढ़ रहे हैं। गुंडे-बदमाश, शराब माफिया और ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाले ही नहीं कानून के ज्ञाता वकील तक पुलिस पर हमला कर देते हैं।
पिछले तीन सालों में दिल्ली पुलिसकर्मियों पर हमलों की 700 वारदात हुई हैं। हालांकि पुलिस ने हमला करने वाले करीब 14 सौ लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
राज्य सभा में सांसद जुगल सिंह माथुरजी लोखंडवाला द्वारा पुलिसकर्मियों पर हमलों में वृदî...
दिल्ली में भी लागू होगी आयुष्मान भारत योजना
अनवर चौहान
दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा में आगामी वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 65 हजार करोड़ रुपये का बजट पेश किया। 2015 के दौरान यह बजट सिर्फ 30 हजार करोड़ रुपये का था। अपने बजट भाषण में राजधानीवासियों के लिए अनेक जनहित की योजनाओं का ऐलान किया। छठी बार बजट पेश करते हुए हर बार की तरह इस बार भी मनीष सिसोदिया ने शिक्षा, चिकित्सा और इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसी व्यवस्था पर जोर देते हुए इनमें और सुधार के लिए कई कदम उठ&...